देश विदेश में तिलहन के बढ़ते उत्पादन सरकारों से पूरा सोयाबीन तेल तिलहन बाजार टूटा , सरकार की पालिसी परिवर्तन का हुआ असर

तेल-तिलहन के लिए 2023 वर्ष निराशाजनक रहा देश विदेश में में तिलहन के बढ़ते उत्पादन सरकारों की पालिसी में निरंतर बदलाव से पूरा तेल – तिलहन बाजार टूटा

जैसा की साल भर में मूंगफली तेल को छोड़ अन्य सभी तेल इस वर्ष लाल निशान में दिखाई दिए है | सोया तेल, सूरजमुखी तेल और कॉटन वाश में 35% की गिरावट आयी तो वहीं पाम तेल में 16% की गिरावट देखने को मिली है |

सरसो तेल भी आया इनके चपेट में 35 रुपये/किलो की गिरावट इस वर्ष दर्ज की गयी सरसो और सोयाबीन में भी हाल कुछ ख़ास अच्छी नहीं था सोयाबीन की साल के शुरुआत से अब तक 910 रुपये/क्विंटल (15.5%) टूट चुका है

वहीं सरसो एक कदम आगे रहा और 16.41% (1100 रुपये/क्विंटल) की गिरावट आयी सस्ते दरों में खाद्य तेलों का आयात, उत्पादन में बढ़ोतरी और सरकारी दखल से मुख्य तिलहन का हाल बुरा रहा |

आने वाला वर्ष व्यापार जगत के लिए लाभदायक हो और सरकार खाद्य तेल और तिलहन इंडस्ट्री की परेशानी को समझें यही कामना है वरना अगले वर्ष भी यही हाल चलता रहेगा

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