नीमच,मंदसौर ,रतलाम इंदौर सहित मध्यप्रदेश की कुल 230 अनाज मंडियां 4 सितंबर से लेकर अनिश्चितकालीन बंद होने वाली है । जिसम प्रदेशभर के करीब 25 हजार व्यापारी अनाज की खरीदी नहीं करेंगे। मंडी फीस डेढ़ की बजाय 1% करने, निराश्रित शुल्क खत्म करने समेत कुल 11 मांगों को लेकर व्यापारी ने मंडी को अनिश्चितकालीन बंद करने का निर्णय लिया है | जिसके कारण बंद रहेगी
25 हजार व्यापारी रहगे हड़ताल पर
मध्य्प्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के आह्वान पर प्रदेशभर के व्यापारी खरीदी बंद करेंगे।अभी सरकार मंडी शुल्क 1.5% ले रही है, जिसे 1% करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। दूसरी ओर, निराश्रित शुल्क समाप्त करने की मांग भी है। यह करीब 50 साल अनावश्यक रूप से लिया जा रहा है। इसका क्या उपयोग हो रहा, यह जानकारी भी नहीं दी जाती। इनके समेत 11 मांगें हैं, जिन्हें लेकर सोमवार से अनाज की खरीदी बंद कर देंगे। 25 हजार से ज्यादा व्यापारी हड़ताल पर रहेंगे। साथ ही इनसे जुड़े हम्माल-तुलावटी भी काम नहीं कर पाएंगे।
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इन मांगो के लिए बंद रहेगी मंडिया
- लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए।
- वाणिज्य संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारण फीस रुपए 25 हजार रुपए की वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5 हजार रुपए बहाल की जाए।
- मंडी समितियों को धारा 17(2)(14) और 30 में प्रदत्त अधिकारी एवं शक्तियों को यथावत रखा जाए।
- लेखा सत्यापन/पुन: लेखा सत्यापन की कार्रवाई खत्म की जाए।
- कृषक समिति प्रतिभूति बढ़ाने के दवाब पर रोक लगाई जाए।
- धारा 23 के अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगाई जाए।
- मंडी समितियों में पूर्व से आवंटित भूमि या संरचनाओं पर भूमि एवं संवरचना आवंटन नियम-2009 लागू नहीं किया जाए। कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर नामिनल दरें रखी जाए।
- मंडी फीस दर एक प्रतिशत की जाए।
- निराश्रित शुल्क समाप्त किया जाए।
- मंडी अधिनियम की धारा 19(2), धारा 19(8), धारा 46(ड) एवं धारा 46(च) में संशोधन-2 विलोपन किया जाए।
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