बीमा राशि से किसानों को मिलेगी बड़ी राहत, बारिश की कमी से फसल खराब होने पर मिलेगा मुआवजा

कृषि कल्याण मंत्री कमल पटेल ने भी किसानों को लिए राहत भरी घोषणा की है | उन्होंने कहा है कि जिन किसानों का बीमा है, उन्हें बीमा के माध्यम से सायबान फसलों का मुआवजा दिया जाएगा | इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं | इस चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को राहत पहुंचाने का एलान कर दिया है | सीएम ने कहा है कि जहां भी अल्प वर्षा की वजह से फसल खराब होने की शिकायत सामने आएगी, वहां पर फसलों का आकलन कर बीमा राशि वितरित की जाएगी | मध्य प्रदेश में अनलिनो के प्रभाव और अल्प वर्षा की वजह से कई इलाकों में किसानों की फसलों पर बुरा असर देखने को मिल रहा है |

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मध्य प्रदेश की ताजा खबर

मध्य प्रदेश के कई जिलों में तो किसानों की 80% फैसले बर्बाद हो गई हैं | जिन किसानों ने पहले फसल की बुवाई कर दी थी, उनकी फसल पर अधिक नुकसान पहुंचा है | ऐसे हालत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी राहत पहुंचाने का एलान कर दिया है | मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है किसानों का जो भी नुकसान होगा, उसकी भरपाई सरकार करेगी | उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान पर नजर रखने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए है,फसलों के नुकसान का आकलन करने के बाद किसानों को फसल बीमा की राशि वितरित की जाएगी | मध्य प्रदेश सरकार के कृषि कल्याण मंत्री कमल पटेल ने भी किसानों को लिए राहत भरी घोषणा की है | उन्होंने कहा है कि जिन किसानों का बीमा है, उन्हें बीमा के माध्यम से फसलों का मुआवजा दिया जाएगा और जिन किसानों का बीमा नहीं है उन्हें आरबीसी 6-4 के तहत रिपोर्ट सामने आने के बाद बीमा राशि और मुआवजा राशि वितरित की जाएगी | उन्होंने कहा कि दोनों ही स्थिति में किसानों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा |

सोयाबीन की फसल में आता है इतना खर्च

सोयाबीन की फसल मध्य प्रदेश में 62 लाख हैक्टेयर बुवाई की गई है | मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, देवास, शाजापुर, आगर मालवा, सीहोर, हरदा, होशंगाबाद सहित कई ऐसे जिले हैं जहां पर किसान सोयाबीन की फसल की खेती करते हैं | किसानो ने के मुताबिक सोयाबीन की फसल बोने में प्रति हेक्टेयर 15000 का खर्च आता है | इसके अलावा जब फसल पक कर तैयार हो जाती है तो इस पूरी प्रक्रिया में भी अधिक राशि खर्च होती है | किसानों के मुताबिक एक हेक्टर भूमि की फसल को मंडी तक पहुंचने में लगभग 50000 रुपये का खर्चा जाता है |कृषि कल्याण मंत्री कमल पटेल के मुताबिक फसल बीमा योजना के तहत सोयाबीन की फसल की नुकसान को लेकर 32000 रुपये हेक्ट का मुआवजा दिया जा सकता है | हालांकि जितने प्रतिशत फैसले खराब हुई है. उसका आंकलन करने के बाद उसके अनुसार मुआवजा राशि वितरित की जाती है |

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