सरसों रबी की प्रमुख तिलहनी फसल है जिसका भारत की अर्थ व्यवस्था में एक विशेष स्थान है। सरसों (लाहा) कृषकों के लिए बहुत लोक प्रिय होती जा रही है क्यों कि इससे कम सिंचाई व लागत में दूसरी फसलों की अपेक्षा अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है। इसकी खेती मिश्रित रूप में और बहु फसलीय फसल चक्र में आसानी से की जा सकती है। सरसो की फसल 95 से 100 दिन में तैयार होती है। इसमें उत्पादन क्षमता 12 से 14 क्विं० प्रति हे० है । भवानी में तेल की मात्रा 41 प्रतिशत पाई जाती है फसल 90 से 95 दिन में तैयार होती है तथा उत्पादन क्षमता 10 से 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। बीज दर : 05 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है।


मंडी का नाम | न्यूनतम भाव | उच्चतम भाव |
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डबरा | 5200 | 5300 |
लश्कर | 5005 | 5500 |
विजयपुर | 5400 | 5600 |
राजनगर | 4700 | 4710 |
मेंहगांव | 5150 | 5210 |
बैराड | 5300 | 5526 |
श्योपुरकलॉ | 5410 | 5570 |
गोहद | 5170 | 5400 |
आलमपुर | 5250 | 5350 |
अम्बाह | 5125 | 5150 |
पोरसा | 5000 | 5150 |
जतारा | 5200 | 5250 |
खरगापुर | 4900 | 5100 |
मुरैना | 5295 | 5400 |
लौड़ी | 4550 | 5050 |
नौगांव | 5280 | 5500 |
मौ | 5150 | 5250 |
करेरा | 5250 | 5300 |
हनुमना | 4700 | 4700 |
बामोरा | 5200 | 5200 |
शाहगढ़ | 4950 | 5001 |
कोलारस | 5305 | 5640 |
भिण्ड | 5115 | 5255 |
नरसिंहपुर | 4700 | 4700 |
मंडला | 4700 | 4700 |
बदरवास | 5055 | 5435 |
बानमोरकलॉ | 5100 | 5100 |
बड़ामल्हेरा | 5300 | 5300 |
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