देसी चने की दाल मिलों में स्टाक में कमी देखने को मिल रही हे , सरकारी चना मंडियों के पड़ते से काफी ऊंचे भाव में नेफेड बेच रहा है, दूसरी ओर मध्यप्रदेश से सस्ता चना आना बंद हो गया है। राजस्थान के नोहर भादरा लाइन तेज होने से वहां से भी आवक घट गई है। बीकानेर एवं मेड़ता लाइन पहले ही तेज चल रही है, इस वजह से यहां शॉर्टेज के चलते 200 रु और बढ़कर 6000 रुपए प्रति क्विंटल देसी चना राजस्थान का लॉरेंस रोड पर बिक गया। अब वर्तमान में किसी दाल मिलों के पास स्टॉक नहीं है तथा दाल व बेसन की चौतरफा लिवाली को देखते हुए देसी चना 6000 रुपए प्रति क्विंटल को शीघ्र 6500 रु पार कर सकता है।
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काबुली चना- नये भाव में बनेगी तेजी
काबुली चने का उत्पादन घरेलू उत्पादन की तुलना में काफी कम होने एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ऊंचे भाव होने से मध्य प्रदेश, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश की मंडियों में इस पर शॉर्टेज की स्थिति बनी हुई है। मोटे माल में लगातार निर्यातकों की पकड़ चल रही है। दूसरी ओर छोटे दाने वाले माल भी इस बार कम आए हैं, पुराना माल आवक पहले से ही मंडियों में नहीं बची हे , इस वजह से चालू सप्ताह में 10-20 रुपए प्रति किलो की भारी तेजी आ चुकी है। महाराष्ट्र का काबुली चना 115/116 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं इंडियन मेक्सिको माल भी उसी अनुपात में तेज हो रहा है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए आगे बाजारों में अभी और तेजी आ सकता है। तथा व्यापार में दूर-दूर तक कोई जोखिम नहीं है।