बरसात नहीं होने से खेतों में लहलहाती फसलों को सूखते देखकर किसान काफी मायूस है। किसानों ने महंगे दामों में बीज खरीद कर खरीफ की फसलों की बुवाई की थी।
लेकिन बरसात नहीं होने से किसानों के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। सरकार द्वारा फसल बीमा योजना के नियमों में बदलाव किया है, जिससे किसान आक्रोशित है।
फसल बीमा के नियमो में हुआ बदलाव
किसान महापंचायत के जिला महासचिव साबू लाल मीणा, प्रभारी राजेंद्र नागर ने बताया कि फसल बीमा योजना के नियमों में बदलाव से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। खड़ी फसल को नुकसान के दायरे से हटा दिया है। खड़ी फसल खराब होती है तो किसान अगली फसल के लिए खेत खाली नहीं कर सकते है।
जहां तक फसल खराबे का सर्वें नहीं होता है। किसानों ने इस नियम का विरोध किया है। किसानों ने मांग की है कि जल्द से जल्द सर्वें कराकर किसानों को लाभ दिलाया जाए, फसल बीमा कंपनी के अधिकारी सरकार द्वारा निर्देश मिलने पर खराबें का सर्वंे करने की बात कर रहे है, सरकार द्वारा उन्हें निर्देशित करने, वर्ष 2022 के फसल खराबें का क्लेम दिलाने, किसानों को सिंचाई के लिए 8 घंटे बिजली देने तथा 72 घंटे में खराब ट्रांसफार्मर बदलने सहित आदि मांगे रखी।
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किसानो में दिखा आक्रोश
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कस्बे के बस स्टैंड पर करीब आधे घंटे तक प्रदर्शन किया। बाद में तहसीलदार नैनवा व नायब तहसीलदार करवर को समस्याओं के समाधान को लेकर ज्ञापन सौंपा।
क्षेत्र के किसानों की बैठक मंशापूर्ण महादेव मंदिर परिसर पर आयोजित हुई। जहां किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर चर्चा की। बाद में सहायक अभियंता कार्यालय पर समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिसके बाद किसान रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए बस स्टैंड पर पहुंचे, जहां किसान तिराहे पर धरना देकर बैठ गए।
करीब आधे घंटे तक किसानों ने प्रदर्शन किया। मौके पर तहसीलदार अब्दुल हफीज, नायब तहसीलदार पृथ्वीसिंह तथा करवर थानाधिकारी चंद्रभान सिंह मय जाप्ता मौके पर पहुंचे। तथा किसानों से समझाइश की। किसानों ने अपनी मांगों के समाधान को लेकर अधिकारियो को ज्ञापन सौंपा। जिस पर उन्होंने किसानों की समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया।