मध्यप्रदेश के अधिकतर किसान लहसुन की खेती करते है और लहसुन की अच्छी वेराइटी का चयन करना किसानो के लिए चिंता का विषय बना हुआ है तो आज की पोस्ट में हम जानेगे की हमे लहसुन की कोनसी वेराइटी को चयन करना चाहिए ताकि तक एक अच्छा मुनाफा कमा सके इसलिए इस पोस्ट को पूरा पड़े और और लहसुन की वेराइटी की सम्पूर्ण जानकारी के बारे में देखे
यमुना सफेद 1 (जी-1) (Yamuna White 1 (G-1))
लहसुन की यह किस्म 150 – 160 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म से 150 – 160 क्विंटल प्रति हेक्टयर पैदावार प्राप्त होती है. किसान इस किस्म की खेती कर अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
यमुना सफेद 2 (जी-50) (Yamuna White 2 (G-50))
लहसुन की यह किस्म 165 – 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म से 130 – 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त होती है. यह किस्म का शल्क कन्द ठोस, त्वचा सफेद, गुदा क्रीम रंग की होता है
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यमुना सफेद 3 (जी-282) Yamuna White 3 (G-282)
लहसुन की यह किस्म 140- 150 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म से 130 – 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त होती है. इस किस्म के शल्क कन्द बड़े अकार का होते हैं एवं त्वचा सफेद और गुदा क्रीम रंग का होता है
यमुना सफेद 4 (जी-323) Yamuna White 4 (G-323)
लहसुन की यह किस्म 165 – 175 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म से 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टयर पैदावार प्राप्त होती है. इस किस्म का शल्क कन्द बड़े अकार के होते हैं एवं त्वचा सफेद गुदा क्रीम रंग का होता है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस किस्म का निर्यात के लिए काफी अच्छी मानी जाती है
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