चना छुएगा 6000 रु का स्तर या नहीं जानिए चना से जुडी पूरी तेजी मंदी रिपोर्ट | आज की इस पोस्ट में चना से जुडी पूरी तेजी मंदी की जानकारी अपडेट की गयी हे |चना के बाजारों में काफी समय से बाजार समान देखने को मिल रहे हे | लम्बे समय के बाद मंडियों में चने के हाजिर भाव में तेजी देखने को मिली
चना तेजी की उम्मीद
देसी चने में उत्पादक मंडियों से कोई पड़ते नहीं लग रहे हैं, दूसरी ओर सरकार की दशक से पहले ही स्टॉक के माल कट चुके हैं। गत 2 वर्ष के नुकसान को देखकर कारोबारी अपने माल को काटते चले गए हैं | क्योंकि सरकार द्वारा समर्थन मूल्य से 500/600 रुपए प्रति क्विंटल मंदे में माल बेचा गया था इस वजह से सीजन में 5900 रुपए प्रति क्विंटल का देसी चना कारोबारियों को 5000 रुपए में काटना पड़ा था। इन कारणों से माल की कमी बनी हुई है जिससे इसके भाव 6000 रुपए जल्दी बन सकते हैं
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चना करेक्शन के बाद फिर तेजी
एमपी, राजस्थान एवं महाराष्ट्र की उत्पादक मंडियों में देसी चने की आवक ज्यादा नहीं है। पिछले दिनों की बढ़त में व्यापारी दहशत से बिकवाली में आ गए हैं जिससे चारों तरफ तेजी के बाद बाजार रुक गया है लेकिन मंडियों तथा दाल मिलों में माल नहीं है, इसे देखते हुए बाजार शीघ्र 200 रुपए बढ़ने की धारणा की जा रही है। राजस्थानी चना 5600 रुपए प्रति क्विंटल रह गया है। एमपी से भी जो हल्के चने कम आ रहे हैं। यहां से थोड़ा करेक्शन के बाद बाजार यहां से बढ़ जाएगा।
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चना सप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 5400/25 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम चना 5550/75 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग बनी रहने से +150 रुपये प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज की गई | चना का 5500-5600 का लक्ष्य प्राप्त हुआ नाफेड टेंडर में कारोबारियों द्वारा बढ़चढ़कर भागीदारी से मजबूती नाफेड ने भी चना टेंडर एक योग्य भाव पर पास करने से सेंटीमेंट मजबूत मंडियों में चना कम और डंक वाले माल आने से अधिकतर कारोबारी नाफेड टैंडर से चना खरीदी कर रहे दिल्ली चना का जो पहले बेस 5000 बना था वह अब 5450-5500 पर बनता नजर आ रहा अब इसके निचे जाने की संभावना कम चना की सबसे अधिक सितम्बर-नवंबर तक होती है
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